पत्रिका-मसि कागद, अंक-अगस्त-दिसम्बर .09, स्वरूप-त्रैमासिक, संपादक-श्याम सखा श्याम, पृष्ठ-64, मूल्य-25रू.(वार्षिक 100रू.), फोनः (01262)255930, ईमेल shyam.skha@gmail.com, सम्पर्क-‘पलाश’ 12, विकास नगर, रोहतक 124001 हरियाणा विगत 11 वर्ष से लगातार प्रकाशित हो रही पत्रिका मसि कागद की रचनाओं का स्तर किसी भी तरह से ख्यात पत्रिकाओं सेे कमतर नहीं है। अंक में जन सामान्य के बीच की कहानियों का प्रकाशन किया गया है। इनमें प्रमुख है-- लीपापोती(परमानंद अधीर), रिश्ता(डाॅ. सुरेश मंथन), किलर(विमला भण्डारी) एवं पुराने फ्रेम में नई फोटो(संदीप फाफरिया सृजन)। गीत ग़ज़लों में शैलजा नरहरि, राममूर्ति सिंह सौरभ, केशव शरण, उषा यादव एवं मंजु दलाल की रचनाएं भावप्रधान व प्रस्तुतिकरण में संुदर हैं। पत्रिका के अन्य स्थायी स्तंभ, संस्मरण, आलेख व समीक्षाएं भी अपना महत्व रखते हैं।
‘आरक्षण स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को हतोत्साहित करता है’(संपादकीय)--मसि कागद
अखिलेश शुक्ल
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تعليقات
मैंने इसे नहीं पढा है। शायद यह कलकत्ते में नहीं मिलती। इस जानकारी के लिये धन्यवाद।
ردحذف"सरस्वती माता का सबको वरदान मिले,
ردحذفवासंती फूलों-सा सबका मन आज खिले!
खिलकर सब मुस्काएँ, सब सबके मन भाएँ!"
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क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
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संपादक : सरस पायस
वसंत पंचमी की शुभकामनायें
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