पत्रिका-पंजाबी संस्कृति, अंक-जनवरी.मार्च09,स्वरूप-त्रैमासिक, संपादक-डॉ. राम आहूजा, मूल्य-20रू.त्रैवार्षिक-200रू. संपर्क-9/20, सी.सी.एच., एच.ए.यू. हिसार 125.001 हरियाणा (भारत)

पंजाबी संस्कृति के समीक्षित अंक में तीन महत्वपूर्ण आलेख ॔वर्तमान परिस्थितियों में’(आचार्य बलदेव राज शांत), ॔संस्कार’(ओम प्रकाश बजाज) तथा ॔सखि! वसंत आया’(कृष्णा कुमारी) समकालीन रचनाएं हैं। कृष्णा कुमारी ने अपने ललित निबंध में निराला के वसंत संबंधी विचार पर उदाहरणों के माध्यम से विचार किया है। कहानी ॔जिहाद’(प्रेमचंद) तथा ॔हिंसा के बच्चे’(जसवंत सिंह विरदी) में आजकल के वातावरण की विवेचना की गई है। लघुकथाओं में उर्मि कृष्ण, प्रो. शामलाल कौशल, डॉ. राम आहूजा, डॉ. रामनिवास मानव के कथ्य में नवीनता है। रेलवे स्टेशनों पर होने वाले सफाई अभियान पर अखिलेश शुक्ल का हास्यात्मक व्यंग्य पाठकों को हंसाते हुए रेलवे की अव्यवस्था से रू-ब-रू कराता है। घमण्डी लाल अग्रवाल, भगवान दास ॔एजाज’, चन्द्रसेन विराट, वीथिका तिवारी, कृष्णा कुमारी, चांद शर्मा, सजीवन मयंक तथा राकेश वत्स की कविताएं, ग़ज़लें तथा दोहे आदि पत्रिका को उत्कृष्ट बनाते हैं। अन्य स्थायी स्तंभ- स्वास्थ्य परिचर्चा, बालकोना एवं प्रेरक प्रसंग हर अंक की तरह नवीनता लिए हुए हैं। हिंदी साहित्य को ॔पंजाबी संस्कृति’ के माध्यम से प्रस्तुत करने वाली यह पत्रिका हिंदी साहित्य की धरोहर है।


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