पत्रिका-संकल्प रथ, अंक-दिसम्बर।08, स्वरूप-मासिक, संपादक-राम अधीर, मूल्य-20 रू., वार्षिक-200 रू.सम्पर्क-108/08,शिवाजी नगर, भोपाल (म.प्र.)
मूलतः गीत प्रधान इस पत्रिका का प्रकाशन विगत 12 वर्ष से निरंतर हो रहा है। पत्रिका का प्रथम आलेख डाॅ. श्रीरंजन सूरिदेव का है। आलेख मंे उन्होंने कविता में छान्दस प्रयोग के अवमूल्यन पर अपनी चिंता प्रगट की है। दूसरा महत्वपूर्ण आलेख डाॅ. कृष्णचंद पण्ड्या का है। इस लेख में उत्तर छायावाद की व्याख्या बच्चन एवं नरेन्द्र शर्मा के संदर्भ में की गई है। लेखक ने बच्चन की काव्य भावना तथा नरेन्द्र के काव्य की पृष्ठभूमि को अलग होते हुए भी एक माना है। गीत विधा में बीते वर्षो में कई प्रयोग होते रहे है। बीना पंत ने अपने आलेख में नवगीत के प्रयोग पर कैलाश गौतम की टिपण्णी बहुत ही सुदंर ढंग से प्रस्तुत की है। डाॅ. विमल कुमार पाठक तथा श्याम सुंदर घोष के आलेख पत्रिका की प्रकृति के अनुरूप हैं। सभी गीत विशेष रूप से वीरबाला, विनोद रायसारा, डाॅ. देवेन्द्र आर्य, उमेश अग्रवाल तथा दिवाकर शर्मा के गीत गुनगुनाने के लिए बाध्य करते हैं। पत्रिक ा गागर में सागर के समान है। गीत विधा पर खोजपरक कार्य करने वाली यह एकमात्र पत्रिका है।

2 टिप्पणियाँ

  1. vibhinn patrikaaoN ke baare meiN bahot hi vistrit jaankaari di gayi hai..dhanyavaad .
    Dehradun se chhapne wali pakrika "Sraswati Suman" ke baare meiN bhi kuchh likheiN..abhaar hoga.
    Dr ANANDSUMAN SINGH, Chief Editor,
    SARASWATI SUMAN, (094120-09000)

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